*आज, सोमवार, 1 सितंबर, 2025 को देशभर के लगभग 5 लाख स्कूलों में “हमारा विद्यालय, हमारा स्वाभिमान” कार्यक्रम का आयोजन किया गया*
*आज, सोमवार, 1 सितंबर, 2025 को देशभर के लगभग 5 लाख स्कूलों में “हमारा विद्यालय, हमारा स्वाभिमान” कार्यक्रम का आयोजन किया गया*
इसी के अंतर्गत जलालपुर तालुका के कलाकच्छ प्राथमिक विद्यालय में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य योगेशभाई ने कार्यक्रम के अनुरूप विशेष संबोधन दिया। प्रधानाचार्य ने कहा कि विद्यार्थियों में विद्यालय के प्रति आत्मीयता, गौरव और उत्तरदायित्व की भावना विकसित होनी चाहिए। विद्यार्थियों को अपने विद्यालय के प्रति विश्वास और स्वाभिमान की दृष्टि से देखना चाहिए। विद्यालय को न केवल ज्ञान सृजन करना चाहिए, बल्कि जीवन का निर्माण और दिशा भी दिखानी चाहिए। इस अभियान के माध्यम से बच्चे स्वच्छता, अनुशासन, सहभागिता और समर्पण, राष्ट्रीय भावना जैसे जीवन मूल्यों को सीख सकेंगे। उन्होंने शिक्षा का महत्व समझाते हुए कहा कि शिक्षा से अंधविश्वास, रूढ़ियाँ और अज्ञानता दूर होती है। आज के तकनीकी युग में शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। शिक्षित नागरिक अपने कानूनी अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक होते हैं। शिक्षा से रोजगार, स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति होती है। शिक्षित नागरिक लोकतंत्र, समानता और न्याय का आधार बन सकते हैं। शिक्षा भाईचारा और सामाजिक समरसता बढ़ाती है। भारत के शिक्षित युवाओं की अगली पीढ़ी देश के विकास की आधारशिला है। प्रधानाचार्य ने आगे कहा कि अनुमोदित शिक्षा मंत्री के एसएमसी को और अधिक मजबूत और शक्तिशाली बनाने के लिए सुझाव मांगे गए हैं, जो हमें देने हैं। प्रधानाचार्य ने “मेरा विद्यालय, मेरा तीर्थ” के बिंदुओं पर भी चर्चा की। उपस्थित सभी लोगों ने “हमारा विद्यालय, हमारा स्वाभिमान” के तहत स्कूल के छात्रों और शिक्षकों को शपथ दिलाई। कार्यक्रम में गाँव के सरपंच श्री धर्मेशभाई, एसएमसी सदस्य, अभिभावक और ग्रामीण उपस्थित थे। स्कूल में उपस्थित सभी बच्चों और शिक्षकों ने कार्यक्रम के तहत शपथ ली।
गुजरात नवसारी से तनवीर सैयद की रिपोर्ट