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क्या है ‘सौगात-ए-मोदी अभियान?’, 32 लाख गरीब मुसलमानों को ईद के अवसर पर मिलेगा तोहफा

ईद के मौके पर केंद्र की मोदी सरकार गरीब मुस्लिम परिवार के लोगों को खास तोहफा देने वाली है। सौगात ए मोदी नाम से केंद्र सरकार ने अभियान की शुरुआत की है।

ईद के मौके पर केंद्र सरकार ने मुसलमानों को खास तोहफा दिया है। दरअसल केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 32 लाख गरीब मुसलमानों को ईद के मौके पर ‘सौगात ए मोदी’ दिया जाएगा, ताकि उन्हें ईद मनाने में किसी तरह की दिक्कत न हो। इस मामले पर भाजपा नेता नीरज कुमार ने कहा, ‘चंद दलालों, चंद ठेकेदारों के गिरफ्तर से मुस्लिम समाज को भी अब बाहर आना है। भाजपा के 32 हजार पदाधिकारी 32 हजार मस्जिदों में संपर्क कर 32 लाख गरीब मुसलमानों को ‘सौगात ए मोदी’ देंगे।’ उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की चिंता कहीं न कहीं जायज है, जिस तरह से नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों के लिए ईदी योजना, उस्ताद योजना अलग से चलाया, तीन तलाक जैसी कुप्रथा को समाप्त किया, उस हिसाब से हमें उनका वोट नहीं मिलता।’

भाजपा नेता ने कही ये बात

भाजपा प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, ‘हां कुछ पढ़े लिखे मुस्लिम युवा और महिलाओं ने लोकसभा में निश्चित रूप से मोदी जी को और एनडीए को वोट दिया था। मुस्लिम वोट के जो ठेकेदार बने हैं, दलाल बने हैं। उनसे उनका भरोसा उठ रहा है और मुस्लिम वोटर भी धीरे-धीरे एनडीए की ओर आ रहा है।’ दरअसल सोमवार को पटना में अलग-अलग राजनैतिक दलों द्वारा इफ्तार का आयोजन किया गया था। इस दौरान चिराग पासवान द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी से कई मुस्लिम नेताओं ने दूरी बना रखी थी। इसी मामले पर बोलते हुए चिराग पासवान ने बयान देते हुए कहा था कि केंद्र सरकार मुसलमानों के लिए लगातार काम कर रही है लेकिन उस हिसाब से मुस्लिम समुदाय के लोगों का वोट एनडीए को नहीं मिल रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुसलमानों का इस्तेमाल केवल वोट बैंक की तरह किया गया है।

क्या है सौगात ए मोदी अभियान?

सौगात ए मोदी अभियान भारतीय जनता पार्टी द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है। इसका उद्देश्य है मुस्लिम समुदाय के बीच कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देना और भाजपा और एनडीए के लिए राजनीतिक समर्थन जुटाना। यह अभियान खास इसलिए भी है क्योंकि यह रमजान और ईद जैसे अवसरों पर केंद्रित है। इस अभियान के तहत केंद्र सरकार ने 32 लाख मुस्लिम परिवारों तक पहुंचने और 3 हजार मस्जिदों के साथ सहयोग करने की योजना बनाई है। कुछ लोग केंद्र सरकार के इस फैसले को समावेशी बता रहे हैं तो कुछ लोग इसे राजनीति का हिस्सा बता रहे हैं। बता दें कि यह अभियान भाजपा की व्यापक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

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