*पावन पर्व बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर निकाली धम्म यात्रा*
*पावन पर्व बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर निकाली धम्म यात्रा*
*कन्नौज*। कन्नौज जिले में बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ छिबरामऊ में सौरिख तिराहा से लेकर मोहल्ला भैंनपुरा में स्थित तथागत गौतम बुद्ध विहार तक धम्म यात्रा निकाली।धम्म-यात्रा में महासभा के प्रदेश कोऑर्डिनेटर कुलदीप कुमार शाक्य, प्रदेश उपाध्यक्ष सचिन शाक्य एडवोकेट, प्रदेश सचिव गौरव शाक्य, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अंकित शाक्य, जिलाध्यक्ष हरिशरण शाक्य एडवोकेट महासचिव राजेश कुमार शाक्य एडवोकेट कोषाध्यक्ष रविन्द्र सिंह शाक्य उर्फ राजू शाक्य मीडिया प्रभारी अमित शाक्य सभासद, सतेन्द्र शाक्य सभासद, रामबरन शाक्य, सूबेदार शाक्य, अजयपाल शाक्य, सुनील शाक्य कन्हैया शर्मा, आदित्य भास्कर शाक्य विजय शाक्य एडवोकेट एवं महिलाओं ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हुए शशि शाक्य मनोरमा शाक्य सुधा शाक्य, अनुभा शाक्य बेबी शाक्य, हेमा शाक्य , कामिनी शाक्य, पूजा शाक्य, पूनम शाक्य सभासद मिथलेश पाल मंजू शाक्य तनु शाक्य सुजाता, नगीना आदि महिलाए धम्म यात्रा में शामिल हुई।इकाई कन्नौज के जिलाध्यक्ष हरिशरण शाक्य एडवोकेट ने तथागत बुद्ध विहार पर धम्म यात्रा में शामिल हुए सभी लोगों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। बुद्ध वंदना एवं पंचशील पाठ दीपक शाक्य के द्वारा की गई । इसके बाद महासभा के प्रदेश कोर्डिनेटर कुलदीप कुमार शाक्य ने कहा तथागत बुद्ध का जन्म लगभग 563 ईसा पूर्व लुम्बिनी, नेपाल में हुआ था। उनके पिता का नाम शुद्धोधन और माता का नाम मायादेवी था। उनका असली नाम सिद्धार्थ गौतम था। सिद्धार्थ गौतम का जन्म और पालन-पोषण एक राजकुमार के रूप में हुआ था। उन्होंने 29 वर्ष की आयु में घर छोड़ दिया और आत्म-ज्ञान की खोज में निकल पड़े। उन्होंने कई वर्षों तक कठोर तपस्या की और बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान करते हुए बुद्धत्व प्राप्त किया। उन्होंने अपने ज्ञान और दर्शन को लोगों के साथ बांटा और बौद्ध धर्म की स्थापना की। बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं ने दुनिया भर में लोगों को प्रभावित किया है और बौद्ध धर्म एक प्रमुख विश्व धर्म बन गया है। प्रदेश उपाध्यक्ष सचिन शाक्य ने कहा बुद्ध पूर्णिमा वैशाख महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है और यह दिन बुद्ध के जीवन में तीन महत्वपूर्ण घटनाओं का स्मरण कराती है: उनका जन्म, ज्ञान प्राप्ति और परिनिर्वाण (मृत्यु)। जन्म: गौतम बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा को ही हुआ था, जो बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।ज्ञान प्राप्ति: वैशाख पूर्णिमा को ही बुद्ध को बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था, जिससे वे बुद्ध बने।परिनिर्वाण: वैशाख पूर्णिमा को ही बुद्ध का परिनिर्वाण हुआ था, जब उन्होंने शाश्वत शांति प्राप्त की। अमित व शनि शाक्य ने बुद्ध जी के धम्म ज्ञान के बारे में प्रकाश डाला। इकाई कन्नौज महासभा की सांस्कृतिक सचिव दीपमाला शाक्य जी ने भी अपने विचार व्यक्त कर अपने संगीत से लोगों को मनमोहित किया पूनम शाक्य सभासद ने ढोलक बजाकर संगीत को और रोमांचक बना दिया जो बहुत ही सराहनीय रहा। सभी महिलाओं ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्णतय: सहयोग किया। कार्यक्रम के अन्त में भारत-पाकिस्तान के बीच हो रहे युद्ध में शहीदों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया और तथागत बुद्ध से प्रार्थना की गई कि शहीदों के परिवार को इस आकस्मिक कष्ट सहन करने की शक्ति एवं धैर्य प्रदान करें।इस दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष-मा० ब्रजेन्द्र शाक्य उर्फ ब्रजेश शाक्य एडवोकेट, उपाध्यक्ष राहुल शाक्य युवराज शाक्य, ओमकार शाक्य, अमित शाक्य समाजसेवी, अजय कुमार शाक्य एडवोकेट, ब्रजपाल शाक्य(नेता जी), सतीश शाक्य, शिवराम शाक्य, प्रदीप शाक्य, रवि शाक्य, मनोज कुमार सिंह एडवोकेट, अखिलेश कुमार सविता एडवोकेट, अनिल शाक्य, शिवम पाल, हरवंश किशोर उर्फ दीपक शाक्य, कार्तिक शाक्य, अभिनव शाक्य, मुकेश शाक्य, आँशु शाक्य, रवि शाक्य, अनुज शाक्य, शिवकुमार शाक्य, अनिल शाक्य सौरभ शाक्य आदि लोग मौजूद रहे।
समाचार इंडिया न्यूज़ से
मुशर्रत अली कन्नौज