आश्विन पूर्णिमा का उत्सव और बर्षावास का समापन समारोह
आश्विन पूर्णिमा का उत्सव और बर्षावास का समापन समारोह
आश्विन पूर्णिमा का उत्सव और वर्षावास का समापन समारोह सारनाथ में 12 सप्ताह के वर्षावास काल के दौरान भगवान बुद्ध के प्रथम प्रवचनों के ऐतिहासिक महत्व को चिह्नित करने के लिए वर्षावास का समापन समारोह आयोजित किया गया था। इस अवसर पर भंते रिन रान ने मानवता के लिए वर्षावास के महत्व पर कम्बोडियन बौद्ध मोनास्ट्री दिल्ली में धम्म देशना दी। विशाखा के सदस्यों द्वारा नमुस्तु तथागत पर स्वागत गीत गाए जाने के बाद, कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. प्रेमराज ने त्रिरत्न से संबंधित बारह प्रश्न श्रोताओं से पूछे। इसके बाद, भंते डॉ. सुमेध, डॉ. धमेंद्र और इंजी. बीर सिंह द्वारा लिखित संयुक्त राष्ट्र और बुद्ध पूर्णिमा पुस्तक को भंते रिन रान, कंबोडियाई बौद्ध मोनास्ट्री और विशाखा फाउंडेशन के सदस्यों को उपहार के रूप में दि गई। इस अवसर पर प्रमुख रूप से भंते जोन बुनयोम, भंते छुम सोथी, भंते सैम नारा, भंते ज्ञान रक्खिता, भंते वप्पा और चुम अमहोट उपस्थित थे। धम्म पालन गाथा का नेतृत्व वरिष्ठ उपासिका वनमाला, मीराताई, सुधा, ममता, शुभांगी, श्वेता, ज्ञानेश्वरी और अन्य ने किया। उन्होंने धम्म पालन गाथा का भी संचालन किया। कार्यक्रम को गुड़गांव से उपास्सिका ज्ञानेश्वरी, उपासक चंद्रशील एवं उपासिका सुधा का सहयोग प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में रामभाऊ, धोटेजी, सुरेश, अर्चना, संगीता कांबले, कल्पना, हर्षा, अदिति, चारुशीला प्रमुख रूप से उपस्थित थे। मंच पर भंते के नेतृत्व में आशीर्वाद गाथा के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में भोजन दान की व्यवस्था सुधा खनखने एवं ज्ञानेश्वरी दवने द्वारा की गई थी । रिपोर्ट बाई आजाद सिंह समाचार इंडिया न्यूज़ दिल्ली